शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर विपक्ष को खुली चुनौती दी है और एक साल की मोहलत मांगी है। बुधवार को विधानसभा में बहस के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साल बाद, ठीक इसी दिन, विपक्ष उनसे प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे पर सवाल पूछ सकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि अगले साल तक हिमाचल के चारों मेडिकल कॉलेजों में एम्स स्तर की सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जहां हाई-एंड मेडिकल टेक्नोलॉजी से मरीजों को किसी भी बड़े इलाज के लिए बाहरी राज्यों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
हर पीएचसी में डॉक्टर की तैनाती, हेल्थ सिस्टम में बड़े बदलाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधार करने जा रही है। हर पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) में डॉक्टर की नियुक्ति होगी और मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार तमाम चुनौतियों का समाधान करते हुए स्वास्थ्य ढांचे को इतना मजबूत बनाएगी कि प्रदेशवासियों को इलाज के लिए भटकना न पड़े।
पैरामेडिकल स्टाफ के लिए नया विकल्प
सदन में डॉ. जनक राज, रणधीर शर्मा और जयराम ठाकुर द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं पर उठाए गए मूल व अनुपूरक प्रश्नों के जवाब में मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अगले 15 दिनों में पैरामेडिकल स्टाफ की कार्यप्रणाली में भी बड़ा बदलाव किया जाएगा। उन्हें यह विकल्प दिया जाएगा कि वे स्वास्थ्य विभाग में बने रहना चाहते हैं या मेडिकल सर्विसेज में शामिल होना चाहते हैं।
हिमाचल में हेल्थ सिस्टम होगा मजबूत
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार हिमाचल के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि अगले साल जब इस विषय पर चर्चा होगी, तो प्रदेश में एक नए और उन्नत स्वास्थ्य ढांचे की तस्वीर सामने होगी।
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