हिमाचल प्रदेश सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) सूची में पात्र लोगों की पहचान को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक अहम पहल की है। इस नई पहल के तहत अब दो-स्तरीय वेरिफिकेशन प्रणाली लागू की गई है, जिससे बीपीएल चयन प्रक्रिया अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी हो सकेगी। इस प्रणाली में पंचायत और सब-डिवीजन स्तर पर गठित कमेटियां प्रत्येक आवेदक की पात्रता की गहन जांच करेंगी।
हिमाचल प्रदेश के सोलन ज़िले के बद्दी क्षेत्र में ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (बीडीओ) नालागढ़, नयोन दैरिया शर्मा ने इस नई प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि पूर्व में बीपीएल चयन को लेकर अनेक शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनमें अपात्र व्यक्तियों को सूची में शामिल करना और पात्रों को वंचित करना शामिल था। इन समस्याओं को दूर करने के लिए यह नई व्यवस्था शुरू की गई है।
शर्मा ने बताया कि बीपीएल सूची के लिए आवेदन और घोषणा पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल निर्धारित की गई है। इससे पहले, यह प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी करनी होती थी, लेकिन नई अधिसूचना के चलते समयसीमा बढ़ाई गई है। अब नए आवेदकों को सूची में शामिल होने का मौका मिलेगा और पहले से सूची में शामिल व्यक्तियों को भी अपनी पात्रता की पुष्टि करनी होगी।
पंचायत स्तर पर बनी वेरिफिकेशन कमेटियों में पटवारी, पंचायत सचिव और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल होंगे। ये कमेटियां आवेदकों की आय, संपत्ति और अन्य पात्रता मानदंडों की गहनता से जांच करेंगी और ग्राम सभा को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। यह रिपोर्ट जून-जुलाई में आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं में प्रस्तुत की जाएगी।
बीडीओ शर्मा ने बताया, “हमारा मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बीपीएल योजनाओं का लाभ केवल उन्हीं लोगों तक पहुंचे जो वास्तव में इसके हकदार हैं। आवेदन और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया अगले सप्ताह से तीव्र गति से शुरू की जाएगी। हम सभी पात्र लोगों से अपील करते हैं कि वे निर्धारित समयसीमा में अपने आवेदन और घोषणा पत्र अवश्य जमा करें।”
इस नई प्रक्रिया में यह भी प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति अब अपात्र हो गया है, जैसे कि उसकी वार्षिक आय तय सीमा से अधिक हो गई हो या उसने पक्का मकान बना लिया हो, तो उसे सूची से हटाया जा सकता है। इस स्थान पर नए पात्र आवेदकों को सूची में शामिल किया जाएगा, जिससे सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया जा सकेगा।
बीडीओ ने आगे बताया कि सभी पंचायतों के नोटिस बोर्ड पर संबंधित जानकारी चस्पा कर दी गई है और आवश्यक निर्देशों के पत्र संबंधित पटवारियों और पंचायत सचिवों को भेजे जा चुके हैं। अब इस प्रक्रिया में पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता को प्राथमिकता दी जाएगी।
यह पहल हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक सहायता योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। Himachal News के अनुसार, यह नई प्रणाली न केवल पात्र लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाएगी, बल्कि बीपीएल चयन प्रक्रिया की विश्वसनीयता को भी सुदृढ़ करेगी।
सरकार की इस नई नीति से यह उम्मीद की जा रही है कि समाज के कमजोर वर्गों को अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा और सामाजिक न्याय की भावना को सच्चे अर्थों में लागू किया जा सकेगा।