हिमाचल प्रदेश में बम धमाके की एक और धमकी ने प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा दिया है। मंडी के डीसी कार्यालय को उड़ाने की धमकी के एक दिन बाद अब राज्य सचिवालय को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। धमकी भरा ईमेल बुधवार को प्राप्त हुआ, जिसमें आरडीएक्स विस्फोट का जिक्र किया गया है और समय बताया गया है गुरुवार सुबह 11:30 बजे। इस सूचना के बाद राजधानी शिमला में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है।
बुधवार सुबह से ही सचिवालय में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया था। सचिवालय के कुछ हिस्सों को एहतियातन खाली कराया गया और बम स्क्वायड ने पूरे परिसर की जांच शुरू की। सर्च ऑपरेशन में डॉग स्क्वायड की टीम तैनात है, जिसमें “डोरा” नाम का खोजी कुत्ता भी शामिल है जो हर कमरे की जांच कर रहा है।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने पुष्टि की कि यह धमकी उसी तरह की भाषा में है जैसी मंडी के डीसी कार्यालय को भेजे गए ईमेल में थी। उन्होंने बताया, “ईमेल में आरडीएक्स से विस्फोट करने की बात कही गई थी और समय सुबह 11:30 बजे बताया गया था। इसके बाद रात में ही सचिवालय में जांच शुरू कर दी गई थी। मेरा खुद का कार्यालय भी खाली कराया गया, लेकिन जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। घबराने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन हम पूरी सतर्कता बरत रहे हैं।”
ईमेल में आतंकवादी तहव्वुर राणा का नाम लिया गया है और तमिलनाडु की एक पुरानी घटना का भी जिक्र है, जिससे इसकी गंभीरता और बढ़ गई है। मुख्य सचिव ने बताया कि मामले को लेकर डीजीपी से चर्चा की गई है और केंद्रीय एजेंसियों से भी संपर्क किया गया है। तकनीकी विशेषज्ञ यह पता लगाने में जुटे हैं कि यह ईमेल कहां से और किस माध्यम से भेजा गया है। प्राथमिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि यह मेल प्रॉक्सी सर्वर के माध्यम से भेजा गया हो सकता है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वयं सचिवालय पहुंचकर सुरक्षा प्रबंधों का जायज़ा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। सीएम की मौजूदगी ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार इस मामले को हल्के में नहीं ले रही।
इससे पहले बुधवार को मंडी में भी ऐसा ही एक धमकी भरा ईमेल मिलने के बाद डीसी कार्यालय, एसपी कार्यालय और कोर्ट परिसर को खाली कराया गया था। लेकिन वहां की जांच में भी कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली थी।
शिमला और आसपास के इलाकों में पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है। सचिवालय में आने-जाने वाले सभी व्यक्तियों की गहन जांच की जा रही है। सभी प्रवेश द्वारों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी और बैगेज स्कैनर तैनात किए गए हैं। बम निरोधक दस्ते और आपातकालीन टीमें हाई अलर्ट पर हैं।
यह धमकी भले ही अभी तक वास्तविक साबित न हुई हो, लेकिन प्रशासन इसे गंभीरता से ले रहा है। राज्य भर में सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है।
प्रशासन ने आम नागरिकों से संयम बरतने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को देने की अपील की है। यह घटना एक बार फिर यह स्पष्ट करती है कि डिजिटल माध्यमों से मिलने वाली धमकियों से निपटने के लिए सायबर निगरानी को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता से यह उम्मीद की जा रही है कि ऐसी किसी भी घटना को समय रहते रोका जा सकेगा और हिमाचल प्रदेश की शांति और सुरक्षा बनी रहेगी।