हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की रहस्यमयी मौत के मामले में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह इस संवेदनशील मामले को पहले दिन से ही राजनीतिक हथियार बना रही है।
चौहान ने कहा, “विमल नेगी जी की जिन परिस्थितियों में मौत हुई, हमें इस पर पूरी संवेदना है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा ने इसे एक राजनीतिक मुद्दा बना लिया है और उसी दिन से इस पर राजनीति शुरू कर दी है।”
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ने नेगी के परिवार की मांगों के अनुसार कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर एचपीपीसीएल के उन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई जो कथित तौर पर कदाचार में शामिल थे, और उन्हें निलंबित किया गया। इसके अलावा, एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को जांच सौंपी गई और एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया।
हाल ही में, उच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का आदेश दिया, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार किया है। चौहान ने कहा, “सरकार और जनता दोनों चाहते हैं कि विमल नेगी की मौत की निष्पक्ष जांच हो। यदि परिवार को लगता है कि एसआईटी की जांच में कुछ कमियां हैं, तो सीबीआई सभी पहलुओं की जांच करेगी।”
विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए चौहान ने कहा कि भाजपा का उद्देश्य केवल सरकार की छवि को धूमिल करना है। उन्होंने कहा, “विपक्ष को ऐसे संवेदनशील मामलों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। सरकार न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
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