पतंजलि आयुर्वेद की शुरुआत साल 2006 में बाबा रामदेव और उनके करीबी आचार्य बालकृष्ण ने की थी। टूथपेस्ट से लेकर स्किन केयर तक, पतंजलि के प्रोडक्ट्स आज देशभर में लोकप्रिय हैं।
कंपनी की सबसे बड़ी पहचान आयुर्वेदिक दवाओं की रही है, जो बुखार, त्वचा रोग और पाचन समस्याओं के लिए बेची जाती हैं। रामदेव का कहना है कि पतंजलि का लाभ देश के लिए है, और वे इसे भारत को मजबूत बनाने के मिशन के तहत चला रहे हैं।
2019 में उन्होंने कंपनी की वैल्यू 8,000 करोड़ रुपये बताई थी, जो 2022 में बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई।