हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी का उनके पैतृक गांव कटगांव, किन्नौर में अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए, जिन्होंने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। भावुक माहौल के बीच उनके बेटे और बेटी ने पिता की अर्थी को कंधा दिया। अंतिम संस्कार के दौरान डीसी डॉ. अमित कुमार शर्मा ने परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी।
CBI जांच की उठी मांग
विमल नेगी की पत्नी ने आरोप लगाया कि उनके पति को HPPCL के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था, जिससे वे बेहद परेशान थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, परिजनों और स्थानीय लोगों ने भी सरकार से इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की।
क्या है पूरा मामला?
विमल नेगी 10 मार्च 2025 को अचानक लापता हो गए थे। उन्हें आखिरी बार बिलासपुर जिले में देखा गया था। 19 मार्च को उनका शव गोबिंद सागर झील से बरामद हुआ, जिसकी पहचान उनकी जेब में मिले ड्राइविंग लाइसेंस से हुई। पोस्टमार्टम के बाद शव को पहले शिमला और फिर किन्नौर भेजा गया। इस घटना के बाद प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) ओंकार शर्मा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। साथ ही, HPPCL के नए एमडी के रूप में राकेश प्रजापति को नियुक्त किया गया है।
कर्मचारियों और विपक्ष का विरोध
HPPCL कर्मचारियों ने भी इस मामले में अपने ही अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर एमडी और निदेशक के निलंबन की मांग की। भाजपा ने भी इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि वह दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है।
धरना प्रदर्शन और प्रशासन की प्रतिक्रिया
विमल नेगी के परिजनों ने शिमला में उनके शव के साथ सात घंटे तक धरना दिया था। परिजनों ने बिजली बोर्ड के एमडी और डायरेक्टर के खिलाफ शिमला पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। इस दौरान प्रशासन की ओर से एसडीएम निचार मौके पर पहुंचे और परिजनों से बातचीत की, जबकि डीसी किन्नौर अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
फिलहाल, परिजनों और कर्मचारियों का आंदोलन जारी है और वे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।