हिमाचल प्रदेश के बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत को लेकर विधानसभा में हंगामा हुआ। भाजपा ने सरकार पर अफसरों को बचाने का आरोप लगाया। हालांकि, सरकार का दावा है कि एमडी हरिकेश मीणा और डायरेक्टर देशराज पर केस दर्ज हुआ है, लेकिन FIR की कॉपी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

FIR में ‘अज्ञात’ आरोपी, भाजपा का हंगामा
FIR की कॉपी के मुताबिक, आरोपी कॉलम में ‘अज्ञात’ दर्ज है। हालांकि, बयान में डायरेक्टर देशराज का नाम है, लेकिन बिजली विभाग के एमडी का सिर्फ पद उल्लेखित है, नाम नहीं। इस पर विधानसभा में भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि FIR में दोनों अधिकारियों के नाम दर्ज होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि एक IAS अधिकारी की जांच किसी अन्य IAS अधिकारी द्वारा होने से निष्पक्षता पर सवाल उठता है। उन्होंने HPPCL की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए CBI जांच की मांग की।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सफाई देते हुए कहा कि FIR में ‘एमडी’ का अर्थ तत्कालीन अफसर ही है। वहीं, कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने विपक्ष पर राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं।
परिजनों के दबाव में FIR, भाजपा का वॉकआउट
मामले को लेकर भाजपा ने सदन से वॉकआउट किया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार ने परिजनों की मांगों को अनसुना किया और उन पर दबाव बनाया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, परिजनों ने बाद में अपने बयान में एमडी मीणा और देशराज का नाम शामिल करवाया, जिससे इनके नाम बाद में FIR में जोड़े जा सकते हैं।
सात घंटे का विरोध प्रदर्शन
मामले ने सड़क पर भी तूल पकड़ा। बुधवार को शिमला के बीसीएस में परिजनों ने शव के साथ सात घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद सरकार के चार मंत्रियों ने मौके पर पहुंचकर केस दर्ज करने, एमडी मीणा को ड्यूटी से हटाने और डायरेक्टर देशराज को निलंबित करने का आदेश दिया। कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि केस दर्ज हो चुका है और सरकार गंभीरता से कार्रवाई कर रही है।
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