राज्य सरकार द्वारा हाल ही में किए गए बस किराए में वृद्धि के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी CPI(M) ने शिमला में विरोध का बिगुल फूंक दिया है। माकपा नेताओं ने सरकार पर जनविरोधी निर्णय लेने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि यदि 28 मई से पहले किराया वृद्धि वापस नहीं ली गई तो बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।
CPI(M) ने शिमला के रिज मैदान पर प्रदर्शन कर सरकार को चेताया और कहा कि महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों पर बस किराया बढ़ाकर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है। माकपा के जिला सचिव संजय चौहान ने कहा, “यह फैसला मजदूर, छात्र, किसान और आम जनता के खिलाफ है। सरकार निजी बस मालिकों को लाभ पहुंचाने के लिए जनता को लूट रही है।”
- माकपा ने मांग की है कि बढ़ा हुआ बस किराया तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए।
- पार्टी ने 28 मई तक सरकार को समय दिया है, उसके बाद प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम की चेतावनी दी गई है।
- छात्रों और कर्मचारियों को दैनिक आवाजाही में होने वाली परेशानी को माकपा ने प्रमुख मुद्दा बताया है।
प्रदर्शन में कई छात्र, मजदूर संगठन और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। वक्ताओं ने कहा कि सरकार का यह कदम आम आदमी की जेब पर सीधा हमला है और इसके खिलाफ जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
यह मुद्दा अब राजनीतिक रंग पकड़ता जा रहा है। CPI(M) के अलावा अन्य विपक्षी दल भी जल्द ही इस मुद्दे पर मुखर हो सकते हैं, जिससे सरकार पर दबाव और बढ़ सकता है।
CPI(M) ने यह भी कहा कि यदि सरकार ने जनभावनाओं को नजरअंदाज किया तो पार्टी हर ब्लॉक, तहसील और जिला स्तर पर प्रदर्शन करेगी और जनहित में सड़क पर उतरकर जवाब देगी।
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