IPL 2025 Update: IPL का यह मुकाबला चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए ‘करो या मरो’ जैसा था। पांच मैच लगातार हार चुकी टीम के पास वापसी के लिए यह एक सुनहरा अवसर था। जब टीम संकट में थी, तब एक बार फिर मैदान पर उतरे महेंद्र सिंह धोनी—एक कप्तान, एक फिनिशर और एक रणनीतिक योद्धा।
चेन्नई को अंतिम पांच ओवर में जीत के लिए 56 रन की ज़रूरत थी। जब धोनी और शिवम दुबे क्रीज़ पर आए, तो दबाव लाजिमी था। लेकिन धोनी की बल्लेबाज़ी ने उस दबाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने परिस्थितियों को भांपते हुए अपने क्लासिक अंदाज़ में रन बनाए—कम जोखिम, ज़्यादा समझदारी। उन्होंने 11 गेंदों पर 26 रनों की नाबाद पारी खेली, जिसमें चार चौके और एक छक्का शामिल था।
शिवम दुबे की स्थिरता और समझदारी
शिवम दुबे को आक्रामक बल्लेबाज़ माना जाता है, लेकिन इस मैच में उन्होंने मैच की नब्ज़ को समझते हुए संयम के साथ खेल दिखाया। उन्होंने नाबाद 43 रन बनाए जिसमें 3 चौके और 2 छक्के शामिल रहे। दुबे और धोनी की साझेदारी ने चेन्नई को जीत के करीब पहुंचाया और अंततः मैच को अपने नाम कर लिया।
धोनी की कप्तानी का कमाल

महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी का असर मैच की हर परत में दिखाई दिया। उन्होंने केवल बल्ले से ही नहीं, बल्कि रणनीति और फील्डिंग सजावट से भी मैच का रुख पलटा। एक अहम मोड़ तब आया जब अब्दुल समद रन लेने की कोशिश में धोनी की डायरेक्ट थ्रो से रन आउट हुए। इसके बाद धोनी ने खुद ऋषभ पंत का शानदार कैच पकड़ा और पथिराना के ओवर में लगातार दो विकेट लेकर चेन्नई को मज़बूत स्थिति में ला दिया।
शेख रशीद की चमकदार शुरुआत
इस मैच में एक और नाम उभरा—शेख रशीद। दो साल से CSK डगआउट में बैठे इस युवा बल्लेबाज़ को पहली बार मैदान में मौका मिला और उन्होंने 27 रन की तेज़ पारी खेली। उनका स्ट्राइक रेट 142 रहा और एक ओवर में उन्होंने तीन चौके लगाकर सबको प्रभावित किया।
शेख रशीद की खासियत यह रही कि उन्होंने बिना जोखिम लिए तेज़ रन बनाए। उन्होंने रचिन रविंद्र के साथ 52 रन की साझेदारी की और चेन्नई की पारी को मज़बूती दी।
चेन्नई के स्पिनर्स ने किया कमाल
चेन्नई की जीत में स्पिनर्स की भूमिका भी अहम रही। नूर अहमद और रविंद्र जडेजा ने मिलकर लखनऊ के बल्लेबाज़ों को बांधे रखा। नूर ने अपने चार ओवरों में केवल 13 रन दिए, जबकि जडेजा ने दो विकेट चटकाए। ये वही ओवर थे जहाँ लखनऊ की रन गति धीमी हो गई और अंत में 10-15 रन कम पड़ गए।
ऋषभ पंत की धीमी पारी और कप्तानी की गलतियाँ
ऋषभ पंत ने 63 रनों की पारी खेली—जो इस सीजन में उनका पहला अर्धशतक था। लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी की गति धीमी रही, जिससे टीम को वह शुरुआत नहीं मिल पाई जिसकी ज़रूरत थी। आखिरी के ओवरों में पंत ने ज़रूर रफ्तार पकड़ने की कोशिश की, लेकिन दूसरे छोर से सहयोग नहीं मिलने के कारण लखनऊ को एक मज़बूत स्कोर तक नहीं पहुंचा पाए।
कप्तानी में भी पंत ने कुछ चूकें कीं। जैसे, रवि बिश्नोई को सिर्फ तीन ओवर दिलवाना, जबकि वह अच्छी लय में थे और धोनी जैसे बल्लेबाज़ को परेशान कर सकते थे। इन रणनीतिक चूकों ने लखनऊ की हार की पटकथा लिखी।