कुल्लू (हिमाचल प्रदेश):
कुल्लू जिले की बंजार घाटी में शुक्रवार देर रात एक पुराना पुल अचानक टूट गया, जिससे एक टैंकर नदी में गिर गया। यह पुल नेशनल हाईवे 305 का हिस्सा था जो औट-आनी-लूहरी-रामपुर को जोड़ता है। हादसे के बाद मार्ग पर आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है, और सैकड़ों वाहन दोनों ओर फंसे हुए हैं।
हादसे की जानकारी
- मंगलौर गांव के पास बने पुल से एक टैंकर गुजर रहा था, जब अचानक पुल ध्वस्त हो गया।
- टैंकर नदी में गिर गया, लेकिन स्थानीय लोगों ने साहस दिखाते हुए चालक को सुरक्षित बाहर निकाला।
- चालक को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है, हालांकि अभी तक उसकी पहचान सामने नहीं आई है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह पुल 1970 के दशक में बनाया गया था और लंबे समय से जर्जर स्थिति में था। हादसे ने राज्य की पुल संरचनाओं की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यातायात ठप, सैलानी फंसे
- इस पुल के टूटने से नेशनल हाईवे 305 पर आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है।
- यह मार्ग:
- कुल्लू को आनी व रामपुर से जोड़ता है,
- तथा जीभी और तीर्थन घाटी जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों का मुख्य मार्ग है।
- हादसे के कारण सैकड़ों सैलानी अब घाटी में फंसे हुए हैं।
हालांकि लोग शिमला के रास्ते होकर चंडीगढ़ या दिल्ली जा सकते हैं, लेकिन यह बहुत लंबा और कठिन मार्ग है। हाल ही में जालोरी जोत के खुलने के बाद यह मार्ग सैलानियों के लिए फिर से शुरू हुआ था।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने बताया कि:
“मंगलौर में पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और हाईवे दोनों ओर से बंद है। प्रशासन और एनएच अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अस्थाई मार्ग तैयार करें, लेकिन इसमें समय लगेगा। यात्रियों से अनुरोध है कि वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करें।”
विक्रमादित्य सिंह का बयान
राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पुष्टि की कि:
- पुल सैंज-औट-लुहरी एनएच-305 पर स्थित है, जो 1970 के दशक में बना था।
- उन्होंने शनिवार सुबह PWD अधिकारियों से बातचीत की और निर्देश दिया कि:“कुल्लू से यातायात को बहाल करने के लिए तात्कालिक तौर पर बैली ब्रिज का निर्माण किया जाएगा।”
- उन्होंने यह भी बताया कि वह स्वयं कुल्लू जाकर स्थल का निरीक्षण करेंगे।
इस पुल हादसे ने हिमाचल प्रदेश में पुरानी और जर्जर हो चुकी पुल संरचनाओं की निगरानी की जरूरत को फिर से उजागर किया है। जहां सरकार ने बैली ब्रिज बनाने का ऐलान किया है, वहीं यातायात व्यवस्था को सामान्य होने में कई दिन लग सकते हैं, जिससे पर्यटन और स्थानीय आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।