शिवसेना नेता संजय निरुपम ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा दावा करते हुए कहा कि शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने लोकसभा सांसदों पर वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ वोट डालने का दबाव बनाया। निरुपम के मुताबिक, पार्टी के कई सांसद इस बिल का विरोध करने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन ठाकरे के बार-बार फोन कॉल्स और पार्टी व्हिप के चलते उन्हें मजबूरी में विरोध करना पड़ा।
निरुपम ने कहा, “उद्धव ठाकरे ने अपने सांसदों को पांच बार फोन किया और उन्हें वक्फ बिल के खिलाफ वोट डालने को कहा। पार्टी के सभी सांसदों को कॉल किया गया, सिवाय अरविंद सावंत और अनिल देसाई के।”
उन्होंने उद्धव ठाकरे को “मुस्लिम हृदयसम्राट” कहा और आरोप लगाया कि वे अल्पसंख्यक संगठनों के दबाव में आकर यह रुख अपना रहे हैं। निरुपम ने कहा कि यह रुख शिवसेना की वैचारिक दीवालियापन को दर्शाता है।
वहीं, उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा वक्फ बिल के जरिए वक्फ संपत्तियों को अपने “उद्योगपति दोस्तों” को सौंपने की साजिश कर रही है और शिवसेना (UBT) इसके खिलाफ है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक गुरुवार को लोकसभा और शुक्रवार को राज्यसभा में पारित हुआ। लोकसभा में इसे 288 वोटों से पारित किया गया, जबकि 232 सांसदों ने इसका विरोध किया। राज्यसभा में बिल के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े।
यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाने, स्थानीय निकायों के साथ समन्वय को मजबूत करने, विरासत स्थलों की सुरक्षा करने और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाया गया है।
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