धर्मशाला: तिब्बती समुदाय में एक महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत धर्मशाला के वर्तमान तिब्बती सेटलमेंट ऑफिसर (TSO) कुंचोक मिग्मार को भारी जनसमर्थन के साथ पुनः निर्वाचित किया गया है। प्रारंभिक मतदान में ही उन्हें 95% से अधिक वोट प्राप्त हुए, जिससे यह चुनाव निर्णायक बन गया और अंतिम चरण की आवश्यकता नहीं पड़ी।
यह परिणाम न केवल मिग्मार की कुशल नेतृत्व क्षमता और समर्पित सेवा भावना को दर्शाता है, बल्कि तिब्बती समुदाय के भीतर उनके प्रति गहरे भरोसे और एकजुटता का प्रतीक भी है। तिब्बती चुनाव आयोग के अनुसार, इतनी प्रबल जीत 1960 के दशक के बाद पहली बार देखी गई है।
पुनः निर्वाचन के अवसर पर धर्मशाला में जश्न का माहौल रहा। हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्रियों, स्थानीय विधायकों, जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने मिग्मार को बधाइयाँ दीं। तिब्बती नागरिकों ने पारंपरिक तिब्बती स्कार्फ ‘खाता’ भेंट कर अपने सम्मान और शुभकामनाएं दीं।

45 तिब्बती बस्तियों में से मिग्मार सबसे कम उम्र के निर्वाचित TSO बने हैं, जो युवाओं के लिए प्रेरणा बनते जा रहे हैं। फेसबुक पर साझा एक पोस्ट में उन्होंने लिखा:
“मैं परम पावन दलाई लामा के आशीर्वाद और CTA व TCV द्वारा दिए गए मजबूत और मूल्यवान शिक्षा के लिए आभार व्यक्त करता हूं। मैं यह चुनाव केवल अपनी जीत नहीं मानता, बल्कि हर उस व्यक्ति की जीत मानता हूं जिसने मुझ पर विश्वास जताया। हमारी एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है और हम इसी भावना से आगे बढ़ते रहेंगे।”
सेटलमेंट ऑफिसर की भूमिका तिब्बती प्रशासनिक ढांचे में भारतीय डिप्टी कमिश्नर के समकक्ष मानी जाती है। धर्मशाला में मिग्मार की जिम्मेदारियों में तिब्बती आबादी के कल्याण, सामुदायिक विकास, और स्थानीय भारतीय अधिकारियों के साथ समन्वय सुनिश्चित करना शामिल है।
कुंचोक मिग्मार का यह पुनः निर्वाचन तिब्बती लोकतंत्र की पारदर्शिता, एकता, और नेतृत्व की ताकत का प्रमाण है, जो आने वाले वर्षों में सामुदायिक विकास की नई राहें खोलेगा।
📌 मुख्य बिंदु:
- कुंचोक मिग्मार को 95% वोट मिले
- अंतिम चरण की आवश्यकता नहीं पड़ी
- सबसे कम उम्र के निर्वाचित TSO बने
- हिमाचल प्रदेश के नेताओं व तिब्बती समुदाय से मिली बधाई
- लोकतंत्र और समुदाय की एकता का प्रतीक बनी यह जीत