देहरा (हिमाचल प्रदेश):
पौंग बांध विस्थापितों के लिए एक ऐतिहासिक दिन उस वक्त आया जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने देहरा में आयोजित एक भव्य जनसभा के दौरान 3000 से अधिक विस्थापित परिवारों को भू-आवंटन प्रमाण पत्र सौंपे और प्रत्येक परिवार को 3 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। इस कदम ने वर्षों से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे विस्थापितों के चेहरों पर राहत और उम्मीद की चमक भर दी।
पौंग बांध परियोजना के कारण 1970 के दशक में हजारों परिवारों को अपने घर-बार छोड़ने पड़े थे। हालांकि इन विस्थापितों के पुनर्वास की बात लंबे समय से चल रही थी, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था। अब मुख्यमंत्री सुक्खू की पहल को लोग एक “ऐतिहासिक न्याय” के रूप में देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा, “हम केवल वादे नहीं करते, उन्हें निभाना भी जानते हैं। इन परिवारों को उनका हक देना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार विस्थापितों के सम्मान और पुनर्वास के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की भी घोषणा की:
- नंदपुर में 145 करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण, जिससे क्षेत्र के लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।
- बंखंडी में अंतरराष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर (जूलॉजिकल पार्क), जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- धर्मशाला में वन्यजीव विभाग का नया कार्यालय, जिससे संरक्षण संबंधी कामों में तेजी आएगी।
- कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार की दिशा में तेजी से काम शुरू करने की बात भी दोहराई गई।
विस्थापितों ने मुख्यमंत्री के इस कदम के लिए उनका आभार जताया और इसे “पचास साल की पीड़ा का अंत और नए जीवन की शुरुआत” बताया।
स्थानीय निवासी श्याम लाल ने कहा, “हमने अपने हक के लिए आधी ज़िंदगी गुजार दी। आज सीएम सुक्खू ने जो किया, वह शब्दों में नहीं कहा जा सकता। यह सिर्फ घोषणा नहीं, हमारे लिए सम्मान की वापसी है।” Why Pong Dam Displaced Families Thanked CM Sukhvinder Sukhu?